रेवांचल टाइम्स - प्रदेश के पटवारी भाईयों को बिन मांगे मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लैपटाप की राशि 50000/- रूपए स्वीकृत की गई है. इसके लिए मध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ सरकार के इस कार्य के लिए सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करता है, साथ ही अनुरोध है कि लैपटाप खरीदी के बाद बिल विभाग को सौंपने के बाद राशि RTGS के जरिए पटवारी के वेतन एकाउंट में फंड ट्रांसफर के माध्यम से देने की बजाय यह राशि पूर्व में ही दी जाए, क्योंकि कई पटवारी अपने से लैपटाप खरीदी करने में समर्थ नहीं हैं.
असल में जिस प्रकार से पटवारियों से पी एम किसान सम्मान योजना बेब जीआईएस और अब सी एम किसान कल्याण योजना जैसे काम कराये जा रहे हैं, उसके मद्दे नजर पटवारी को लैपटाप देने का प्लान सरकार ने बनाया, हालांकि हमने भी इस सम्बन्ध में सरकार को पूर्व में कई बार अपने पत्रिका पटवारी अभिमत के माध्यम से लिखा था, लेकिन हम इसका श्रेय लेने की बात नहीं कर रहे, क्योंकि यह कोई काम करा लिया, जैसी बात है ही नहीं.
सरकार की योजना के मुताबिक़ पटवारी को लैपटाप स्वयं क्रय करना होगा, जो कि शासन के मापदंड अनुसार होना चाहिए. लैपटाप खरीदी के बाद पटवारी बिल विभाग को देगा. बिल प्रस्तुत करते ही RTGS के जरिए पटवारी के वेतन एकाउंट में फंड ट्रांसफर होगा. लैपटाप रज्य सरकार की संपत्ति होगा. 7 वर्ष के बाद राईट आफ कर दिया जाएगा. पटवारी की पदोन्नति, सेवानिवृत्ती या पदच्युति पर लैपटाप विभाग के सुपुर्द करना होगा.
इस सम्बन्ध में मध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ ने सरकार से अनुरोध किया है कि लैपटाप खरीदी के बाद बिल विभाग को सौंपने के बाद राशि RTGS के जरिए पटवारी के वेतन एकाउंट में फंड ट्रांसफर के माध्यम से देने की बजाय यह राशि पूर्व में ही दी जाए, क्योंकि कई पटवारी अपने से लैपटाप खरीदी करने में समर्थ नहीं हैं.
उल्लेखनीय है कि पटवारियों का एक दुसरा संगठन इस कार्य के लिए श्रेय लेने की असफल कोशिश कर रहा है, जबकि उसे 2800 ग्रेड पे की मांग पूरी कराने के लिए सफल प्रयास करना चाहिए. लगातार सरकार के विरूद्ध कार्य कर सरकार की और पटवारियों की छवि को धूमिल करने के कारण और अब इस कार्य के लिए अनावश्यक श्रेय लेने की कोशिश के कारण पटवारियों के निशाने पर है.।
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