मंडला: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा पेयजल समस्या को लेकर पीएचई विभाग का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा गया जनपद पंचायत मंडला की ग्राम पंचायत माली मोहगांव के टिकरा टोला में लगभग 2 सालों से ग्रामीण जन पेयजल समस्या को लेकर अनेकों बार संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को आवेदन किया लेकिन पीएचई विभाग के द्वारा इनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा था ग्रामीणों ने बताया कि पीएचई विभाग के अधिकारी लोगों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है जबकि योजना को संचालित बताते हुए करोड़ों रुपए के बील लगाकर रुपयों का बंदरबांट कर लिया जाता है और योजन सफल बताया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति कुछ और ही बयां करती है जब जिला मुख्यालय से लगे हुए गांव की यह स्थिति है तो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है यह सिर्फ माली मोहगांव की बात नहीं है पूरे जिले में मामले इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं और इससे भी ज्यादा बत्तर स्थिति दूर आंचल क्षेत्रों की है जहां न तो विभाग के बड़े अधिकारी आते जाते भी नहीं पीएचई विभाग के अधिकारियों की भ्रष्ट नीति के चलते आज ग्रामीणों को विभाग के चक्कर लगाना पड़ रहा है जबकि पीएचई विभाग की स्थापना ही पेयजल समस्या पेयजल पूर्ति के लिए हुई है लेकिन अधिकारी अपने मुख्य उद्देश्य से भटक कर कार्य कर रहे हैं वैसे तो पीएचई विभाग हमेशा से ही विवादित रहा है और अब स्थिति यह हो गई है कि परेशान ग्रामीण अब आक्रोशित हो गए हैं और लॉक डाउन में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए विभाग का घेराव किया और तत्काल निराकरण के लिए अड़े रहे ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस बल सक्रिय हुआ और विवादित स्थिति नहीं बनने दी जबकि ग्रामीण इतने आक्रोश में थे कि ऑफिस के गेट में ताला लगाने की भी बात कह रहे थे लेकिन अधिकारी के आश्वासन के बाद 7 दिन का अल्टीमेटम देकर चले गए अगर इन 7 दिनों में ग्रामीणों को पेयजल समस्या से निजात नहीं मिलता है तो उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दे दी गई है
Monday, June 8, 2020

पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, किया पी एच ई विभाग का घेराव
मंडला: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा पेयजल समस्या को लेकर पीएचई विभाग का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा गया जनपद पंचायत मंडला की ग्राम पंचायत माली मोहगांव के टिकरा टोला में लगभग 2 सालों से ग्रामीण जन पेयजल समस्या को लेकर अनेकों बार संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को आवेदन किया लेकिन पीएचई विभाग के द्वारा इनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा था ग्रामीणों ने बताया कि पीएचई विभाग के अधिकारी लोगों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है जबकि योजना को संचालित बताते हुए करोड़ों रुपए के बील लगाकर रुपयों का बंदरबांट कर लिया जाता है और योजन सफल बताया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति कुछ और ही बयां करती है जब जिला मुख्यालय से लगे हुए गांव की यह स्थिति है तो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है यह सिर्फ माली मोहगांव की बात नहीं है पूरे जिले में मामले इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं और इससे भी ज्यादा बत्तर स्थिति दूर आंचल क्षेत्रों की है जहां न तो विभाग के बड़े अधिकारी आते जाते भी नहीं पीएचई विभाग के अधिकारियों की भ्रष्ट नीति के चलते आज ग्रामीणों को विभाग के चक्कर लगाना पड़ रहा है जबकि पीएचई विभाग की स्थापना ही पेयजल समस्या पेयजल पूर्ति के लिए हुई है लेकिन अधिकारी अपने मुख्य उद्देश्य से भटक कर कार्य कर रहे हैं वैसे तो पीएचई विभाग हमेशा से ही विवादित रहा है और अब स्थिति यह हो गई है कि परेशान ग्रामीण अब आक्रोशित हो गए हैं और लॉक डाउन में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए विभाग का घेराव किया और तत्काल निराकरण के लिए अड़े रहे ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस बल सक्रिय हुआ और विवादित स्थिति नहीं बनने दी जबकि ग्रामीण इतने आक्रोश में थे कि ऑफिस के गेट में ताला लगाने की भी बात कह रहे थे लेकिन अधिकारी के आश्वासन के बाद 7 दिन का अल्टीमेटम देकर चले गए अगर इन 7 दिनों में ग्रामीणों को पेयजल समस्या से निजात नहीं मिलता है तो उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दे दी गई है
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Revanchal Times Weekly News Paper
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